Tuesday, January 11, 2022

सलाम ब-बारगाहे खैरुल अनाम

सलाम ब-बारगाहे खैरुल अनाम

या नबी सलाम अलैका, या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका, सलवातुल्लाह अलैका

आपका तशरीफ़ लाना, वक़्त भी कितना सुहाना
जगमगा उठा ज़माना, हूरें गाती थी तराना
या नबी सलाम अलैका…

ऐ मेरे मौला के प्यारे, नूर की आँखों के तारे
अब किसे सैयद पुकारें, हम तुम्हारे तुम हमारे
या नबी सलाम अलैका…

ऐ नसीमे कुए जाना, जब मदीने से तू आना
बूए ज़ुलफे शाह लाना , दिल परेशां है सुंघाना
या नबी सलाम अलैका…

भेज दो अपनी अताएं, बख्श दो सबकी ख़ताएँ
दूर हो ग़म की घटाएँ, वज्द में हम यूँ सुनाएँ
या नबी सलाम अलैका…

जब नबी पैदा हुए थे, सब मलक दर पर खड़े थे
रब्बे सल्लिम पढ़ रहे थे, बाअदब यूँ कह रहे थे
या नबी सलाम अलैका…

रहमतों के ताजवाले, दो जहां के राजवाले
अर्श के मेहराजवाले, आसियों की लाजवाले
या नबी सलाम अलैका…

जान कर काफी सहारा, ले लिया है दर तुम्हारा
ख़ल्क़ के वारिस ख़ुदारा , लो सलाम अब तो हमारा
या नबी सलाम अलैका…

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آزاد ہندوستان کے مظلوم مسلمان  تعلیمی اداروں میں بھی مسلم طلبہ کے ساتھ زیادتی آزاد ملک میں نہایت شرمناک بات ہے از قلم: محمد احسان الحق جامعی...